दो बार अतिक्रमण हटाया, फिर कर लिया कब्जा, भारजा गद्दी गांव का मामला
मलारना डूंगर. एक तरफ राज्य सरकार राजस्व रिकार्ड में दर्ज खेतों से निकलने वाले सार्वजनिक रास्तों को अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान चला रही है। वहीं दूसरी ओर भारजा गद्दी गांव के दर्जनों महिला-पुरुष राजस्व रिकार्ड में दर्ज सार्वजनिक रास्ते को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग को लेकर मंगलवार दोपहर एसडीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। हालांकि एसडीएम संदीप कुमार बेरड़ के आश्वाशन पर 2 घण्टे बाद ही ग्रामीण धरना समाप्त कर वापस लौट गए।
यह है मामला
- एसडीएम कार्यालय के बाहर धरने में शामिल सराउद्दीन, गुलशेर, अंसार, कदीर, सराऊद्दीन, इशाक, नूरुद्दीन, एजाजुद्दीन, जफर, आसिफ, साजिद, हाजी मुख़्तार, गोलू, फिरान, आयशा, जबिसन, आस्मीन, बिस्मिल्लाह, ज़ास्मीन, रेशमा आदि ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि भारजा गद्दी गांव से खेतों के बीच होते हुए एक कदीमी रास्ता भाड़ौती – मथुरा मेगा हाइवे की ओर निकलता है। राजस्व रिकार्ड के अनुसार यह गैर मुमकिन रास्ता खसरा नम्बर 156 व खसरा नम्बर 157 में दर्ज है। इस पर गांव के ही मनबड़ो ने अतिक्रमण कर रखा है। इसी क्षेत्र के अलग-अलग खसरा नम्बरों की लगभग 80 बीघा चारागाह व सिवायचक भूमि पर भी अतिक्रमण कर फसल की बुवाई की गई है। रास्ते पर अतिक्रमण होने से दर्जनों किसान अपनी खातेदारी कृषि भूमि तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
दो बार अतिक्रमण हटवाया, फिर कब्जा
भारजा गद्दी गांव के ही रहने वाले सराउद्दीन ने मूमन पत्रिका को बताया कि उक्त रास्ते का सीमा ज्ञान कर पूर्व में राजस्व अधिकारी दो बार अतिक्रमण हटवा चुके हैं, लेकिन मनबड़ो ने फिर से अतिक्रमण कर सरकारी रास्ते को बंद कर दिया। सख्ती से कार्रवाई नहीं होने से यहां अतिक्रमण की पुनरावृत्ति हो रही है। सराउद्दीन ने कहा राजस्व रिकार्ड में दर्ज गैर मुकमिकन रास्ते को स्थायी रूप से चालू नहीं किया गया तो इससे प्रभावित किसान आंदोलन करने को मजबूर होंगे।


























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