राज्य में 16 दिन में दो ग्राम विकास अधिकारियों ने किया सुसाइड
सवाईमाधोपुर. राज्य के भीलवाड़ा व अजमेर जिलों में 16 दिन में दो ग्राम विकास अधिकारियों के सुसाइड से जुड़ी घटनाओं से प्रदेश भर के ग्राम विकास अधिकारियों में आक्रोश के साथ ही असंतोष पनप रहा है। सुसाइड से जुड़ी घटनाओं की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा दिलाने की मांग को लेकर शुक्रवार को राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ के बैनर पर जिलाध्यक्ष जगराम मीना के नेतृत्व में मुख्यमंत्री, मंत्री और साशन सचिव के नाम जिला कलक्टर व मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद को अलग – अलग ज्ञापन सौंपा।
जिलाध्यक्ष जगराम मीना ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि भीलवाड़ा जिले की शाहपुरा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत गिरडिया में कार्यरत ग्राम जनप्रतिनिधि तथा विभागीय अधिकारी अनुचित कार्य करने के लिए दबाव बना रहे थे। इस सम्बंध में परिजनों की ओर से कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया, लेकिन किसी सुनवाई नहीं कि। आरोप है कि सिस्टम की प्रताड़ना से तंग आकर ग्राम विकास अधिकारी शंकरलाल मीना पिछले तीन महीने से अवसाद में चल रहा था। इस पर संगठन की ओर से अभी सम्बंधित अधिकारियों को अवगत करवाया गया। अधिकारियों ने सुनवाई नहीं की। नतीजतन ग्राम विकास अधिकारी शंकर लाल मीणा ने 11 नवम्बर को फांसी के फंदे से झूलकर जीवन लीला समाप्त कर ली। इस सम्बंध में पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई, लेकिन न्याय नहीं मिला। इससे पूर्व अजमेर जिले की केकड़ी पंचायत समिति में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी प्रवीण कुमार कुमावत ने भी मानसिक दबाव में सुसाइड किया था।
ग्राम विकास अधिकारी जितेंद्र शर्मा ने बताया कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि भ्रष्ट सिस्टम की ओर से की गई हत्या है। इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं कि जाएगई। प्रदेश के 10 हजार ग्राम विकास अधिकारियों में आक्रोश एवं निराशा है। मांगे नहीं मानी गई तो प्रदेश भर में आंदोलन करेंगे।
जिलामंत्री देवी सिंह जाट ने बताया कि
संगठन ग्राम विकास अधिकारी शंकर लाल मीना तथा प्रवीण कुमार कुमावत की आत्महत्या की घटना की निष्पक्ष एवं उच्च स्तरीय जांच कराने, दोषी अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों एवं अन्य लोगों के विरुद्ध पुलिस थाना पाण्डेर भीलवाड़ा एवं केकड़ी अजमेर में दर्ज मुकद्दमे की शीघ्र जांच करवाकर आगामी 7 दिवस में दोषियों पर सख्त कानूनी एवं प्रशासनिक कार्यवाही करने, मृतक आश्रितों को 30 दिवस में अनुकंपा नियुक्ति देने, राज्य सरकार के स्थानांतरण पर प्रतिबंध के बावजूद कार्य व्यवस्था के नाम पर पंचायत समिति एवं जिला परिषद स्तरीय अधिकारियों की ओर से ग्राम विकास अधिकारियों के मनमाने स्थानांतरण कर प्रताड़ित करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही करने, भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रत्येक ब्लॉक पर पंचायत समिति स्तरीय अधिकारियों एवं समस्त ग्राम विकास अधिकारियों की प्रतिमाह प्रकोष्ठ बैठकें आयोजित करने के पुनः स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की मांग करता है।



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