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सच का आईना

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160 जोड़ों का सादगी से होगा निकाह

 जयपुर: ‘प्रत्येक व्यक्ति की पहचान उसके अख्लाक (व्यवहार) से होती है। इसलिए घर, समाज और कारोबार हर जगह सादगी, ईमानदारी और नरमी अपनाना जरूरी है।’ रामगढ़ मोड कर्बला मैदान में शुक्रवार से शुरू हुए तीन दिवसीय दीनी तब्लीगी इज्तिमा के पहले दिन इस्लामी विद्वान और स्कॉलर्स ने ये विचार साझा किए।अलसुबह फजर की नमाज के बाद इज्तिमे की शुरुआत हुई। वक्ताओं ने इस्लाम की पांच बुनियादी चीजों कलमा, नमाज, रोजा, जकात और हज की अहमियत बताई। साथ ही कहा कि मुसलमान की जिंदगी इन्हीं सिद्धांतों पर टिकी है। इनका पालन करना हर मुस्लिम का फर्ज है।दोपहर में जुहर की नमाज के बाद मुफ्ती अबरार ने तकरीरें पेश कीं। उन्होंने कहा कि हमें दीन सिखाने के लिए अल्लाह ने अपने पैगम्बरों को दुनिया में भेजा और इंसानियत की सेवा का संदेश दिया।उन्होंने कहा कि दीन दुखियों की सेवा करने से बड़ी कोई सेवा नहीं है। असर की नमाज के बाद मौलवी अब्दुल वाहिद ने कहा कि कुरआन की तालीम को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाना चाहिए और कुरआन को पढ़ने के साथ-साथ उसके बताए रास्ते पर चलने की भी आवश्यकता है।

 सादगी से होंगे 160  जोड़ों के निकाह

शहर और आसपास से आए हजारों लोगों के लिए कार्यक्रम स्थल पर खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था भी की गई है। इज्तिमा में रोज सुबह-शाम तकरीरें होंगी। वहीं, रविवार को असर की नमाज के बाद सादगी से 160 जोड़ों का निकाह होगा।

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