बामनवास (सवाई माधोपुर):मुख्यालय बामनवास की पहचान माने जाने वाले मोरा सागर बांध के पास स्थित गार्डन अब फिर से अपनी हरियाली लौटाने की राह पर है। कुछ समय पहले तक उजड़ने की कगार पर पहुंचा यह गार्डन अब ‘मा छोड़उद्यान’ के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो प्रकृति प्रेमियों और स्थानीय नागरिकों के लिए एक नई सौगात साबित होगा।
तेजराम मीणा के प्रयासों से लौटी हरियाली की उम्मीद
पूर्व सरपंच तेजराम मीणा के प्रयासों से इस गार्डन में सैकड़ों-हजारों पौधे लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि “हर पौधे की सुरक्षा और सिंचाई की जिम्मेदारी तय की गई है ताकि किसी प्रकार की लापरवाही न हो।”
दो साल का टेंडर, नियमित सिंचाई और रखरखाव
इस गार्डन की देखरेख दो साल के टेंडर के तहत की जा रही है। इसमें पौधों की नियमित सिंचाई, सुरक्षा व्यवस्था और खरपतवार की कटिंग जैसे कार्य निरंतर जारी हैं। इससे पौधों की वृद्धि सुचारू रूप से हो रही है और क्षेत्र की हरियाली फिर से लौटने लगी है।
गार्ड नियुक्त, हर पौधे की सुरक्षा सुनिश्चित
गार्डन की सुरक्षा और सुंदरता बनाए रखने के लिए गार्ड नियुक्त किए गए हैं। प्रत्येक पौधे को नंबरिंग कर उनकी देखरेख की जा रही है ताकि कोई पौधा सूखने या टूटने से बच सके।
सौंदर्य और शांति का संगम बनेगा “मा उद्यान”
योजना के अनुसार, आने वाले महीनों में यह स्थल एक आकर्षक “मा उद्यान” के रूप में विकसित होगा, जहाँ हरियाली, सौंदर्य और प्राकृतिक शांति का अद्भुत संगम नजर आएगा।
मोरा सागर फिर बनेगा हरियाली का प्रतीक
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि यही गति बनी रही तो मोरा सागर गार्डन पुनः बामनवास की पहचान बन जाएगा और लोगों के लिए मनोरंजन, विश्राम और पर्यावरण संरक्षण का आदर्श स्थल साबित होगा।



Leave a Reply